प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र सिंह रिणवा के नेतृत्व में राजस्थान सहकारिता निरीक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने रजिस्ट्रार को सौंपा ज्ञापन
जयपुर, 7 दिसम्बर (मुखपत्र)। राजस्थान सहकारिता निरीक्षक संघ जयपुर का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र सिंह रिणवा की अगुवाई में बुधवार को सहकारिता रजिस्ट्रार मेघराज सिंह रतनू से मिला और उन्हें सहकारी निरीक्षकों की विभिन्न मांगों के सम्बंध में ज्ञापन प्रस्तुत किया। प्रतिनिधिमंडल में टीकाराम त्रिवेदी, राजेंद्र प्रसाद मानोता, मीनाक्षी चौधरी, ऋतु शर्मा, ओमप्रकाश बगडिय़ा, यशवर्धन सोंठवाल, रोहित कुमार अलारिया, किशन सिंह, सांवरिया लाल पालीवाल, सुरेंद्र अग्रवाल, नवनीत सैनी, जितेंद्र यादव, के.के. जैमन, मनीष अग्रवाल, श्रवण कुमार मीना आदि निरीक्षक सम्मिलित रहे।
ज्ञापन में सहकारिता निरीक्षकों के पदनाम उनकी भूमिका के अनुरूप सहकारिता विकास अधिकारी (ष्श-शश्चद्गह्म्ड्डह्लद्ब1द्ग स्रद्ग1द्गद्यशश्चद्वद्गठ्ठह्ल शद्घद्घद्बष्द्गह्म्) करने, सहकारी निरीक्षकों की समयबद्ध एवं नियमित, रिव्यू एवं तदर्थ पदोन्नति करने, सहायक रजिस्ट्रार के पद पर पदोन्नति एवं सीधी भर्ती का अनुपात 50:50 के स्थान पर 80:20 करने एवं विभागीय कैडर का पुनगर्ठित किये जाने, राजस्थान सहकारिता अधीनस्थ सेवाओं के निरीक्षकों की ग्रेड-पे में बढोतरी कर ग्रेड-पे 4800 (एल-12) करके वेतनमान में व्याप्त वेतन विसंगति को दूर करने की मांग की गयी है।
श्री रिणवा के अनुसार, एक ही परीक्षा में चयनित होकर आने के पश्चात सहकारी निरीक्षकों को विभागीय पदोन्नति के न्यून अवसर प्राप्त होते हैं, जो बहुत हतोत्साहित करने वाली प्रक्रिया है। पदोन्नति के अवसरों की असमानता, दरअसल असमानता न होकर, अवसरों की समाप्तता है। अनेक ऐसे उदाहरण हैं, जिनमें सहकारिता निरीक्षक 30 साल की राजकीय सेवा के उपरांत भी निरीक्षक के रूप में ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
सबने एक ही परीक्षा उत्तीर्ण की, फिर ग्रेड-पे में असमानता क्यों
श्री रिणवा ने बताया कि आरएएस चयनित सहकारिता अधीनस्थ सेवा वर्ग के साथ-साथ खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, आबकारी विभाग, वाणिज्यिक कर विभाग, श्रम विभाग, नियोजन विभाग, देवस्थान विभाग आदि की ग्रेड-पे 3600 तथा सात अन्य विभागों, जिसमें सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता के सह-समाज कल्याण अधिकारी, सामाजिक सुरक्षा व कारागृह कल्याण, महिला एवं बाल विकास, उद्योग, तहसीलदार, कृषि अधीनस्थ सेवा वर्ग की ग्रेड-पे 4200/4800 रुपये है, जो भेदभाव एवं अन्याय का प्रतीक है, क्योंकि सभी अधीनस्थ सेवा वर्ग आरएएस सीधी भर्ती परीक्षा से चयनित होते हैं। उन्होंने बताया कि यह वेतन विसंगति विभिन्न आयोगों द्वारा असमान सिफारिशों के मध्य, नवीन कैडर एवं विभिन्न कैडर्स के सामूहिक दबाव के चलते उनके वेतन के उन्नयन के कारण उत्पन्न हुई है।

अन्य राज्यों में ग्रेड-पे 4200 से 4700 रुपये
रिणवा ने रजिस्ट्रार को बताया कि अन्य राज्यों, जैसे उत्तरप्रदेश, उत्तरखंड के निरीक्षकों की ग्रेड-पे 4600 रुपये, पश्चिम बंगाल में 4700 रुपये, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र एवं बिहार के निरीक्षकों की ग्रेड-पे 4200 रुपये है। उन्होंने कहा कि वेतनमान में विसंगति, पदोन्नति के न्यून अवसर जैसी मुद्दों को लेकर सहकारिता विभाग के साथ-साथ खाद्य एवं नागरिक रसद, आबकारी, वाणिज्यिक कर, श्रम, नियोजन, देवस्थान आदि विभागों के अधीनस्थ सेवावर्ग के अधिकारियों/निरीक्षकों में भारी रोष एवं असंतोष व्याप्त है। यदि समय रहते इस विसंगति को दूर नहीं किया गया तो असंतोष बढऩे की आशंका है।
रजिस्ट्रार ने दिया त्वरित कार्यवाही का निर्देश
सहकारिता रजिस्ट्रार से मुलाकात के पश्चात, महेंद्र सिंह रिणवा ने मीडिया को बताया कि रजिस्ट्रार ने प्रतिनिधिमंडल की बात को ध्यानपूर्वक सुना और सभी समस्याओं को सुलझाने के लिए उचित एवं त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिये, जिसके लिए संगठन उनका आभारी है।