नई दिल्ली, 15 जनवरी। कृषि कानूनों पर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध दूर नहीं हो रहा। दोनों पक्षों के बीच शुक्रवार को हुई दसवेँ दौर की बैठक भी बेनतीजा रही। किसान तीन कृषि कानून रद्द करवाने की मांग करते रहे और सरकार के प्रतिनिधि इन कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव देते रहे। अगली बैठक 19 जनवरी को तय की गई है।
सयुंक्त किसान मोर्चा की ओर से प्रेस नोट जारी कर बताया गया कि किसान संगठनों द्वारा 13 जनवरी व 14 जनवरी को विभिन्न त्योहारों पर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाने के कॉल पर देश-दुनिया से आये भारी समर्थन से किसानों का उत्साह बढ़ा है। अब यह आंदोलन देशव्यापी और जनांदोलन बनता जा रहा है।
सहयोगियों पर छापेमारी की निंदा
किसान संगठनों का कहना है कि सरकार किसानों की मांग को सुनने की बजाय आंदोलन में शामिल लोगों को परेशान कर रही है। जो समाजसेवी दिल्ली के लिए बसें भेज रहे हैं या शहीद किसानों को आर्थिक मदद कर रहे है उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा बार-बार जांच के नाम पर परेशान किया जा रहा है। किसान संगठनों ने सरकार के साथ बातचीत के दौरान भी ये बात कही।
मान के फैसले का स्वागत
किसानों ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रस्तावित कमेटी के प्रस्ताव को पहले ही अस्वीकार कर चुके हंै। कमेटी के सदस्यों की सरकार की तरफ झुकाव की खबरे किसी से छुपी नही है। मोर्चा ने कहा कि वह सदस्य भूपिंदर मान के कमेटी से बाहर होने के फैसले का स्वागत करता है, साथ ही अन्य सदस्यों से भी अपील करता है कि अंतरात्मा की आवाज सुनते हुए, इन कृषि कानूनों की असलियत को स्वीकार करते हुए वे भी अपना विरोध प्रकट करें और कानूनों को सिरे से रद्द करने की मांग रखें।
परेड का खुलासा 18 के बाद
मोर्चा ने कहा कि 26 जनवरी की किसान गणतंत्र परेड के सम्बंध में अनेक भ्रांति फैल रही है। मोर्चा ने कहा कि किसानों की इस परेड से भारत सरकार की परेड को नुकसान पहुचाने का हमारा कोई मकसद नहीं है। 17 जनवरी को किसान संगठनों की बैठक और 18 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद ही इस परेड की विस्तृत योजना बताई जाएगी।
ओडि़शा से ‘किसान दिल्ली चलो यात्रा’ आरंभ
‘किसान दिल्ली चलो यात्रा’ 15 जनवरी को ओडि़शा से शुरू हुई। यह यात्रा सात दिन में ओडि़शा से पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश होते हुए दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए किसानों के पास 21 जनवरी को पहुंचेगी। उधर, 12 जनवरी को पुणे से शुरू हुई ‘किसान ज्योति यात्रा’ 26 जनवरी को दिल्ली पहुँचेगी।