मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के घोटाले के बहाने से केंद्रीय मंत्री शेखावत को घेरने का एक और प्रयास
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आग्रह, प्रधानमंत्री अपने क्षेत्र की मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों पर तुरंत रोक लगाएं
जयपुर, 7 मई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक के बहाने से एक बार फिर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को घेरने का प्रयास किया है। गहलोत पहले भी कई बार संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले में शेखावत का नाम लेते रहे हैं। इस मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी पर निवेशकों के 950 करोड़ रुपए से अधिक धनराशि हड़प जाने का आरोप है। सहकारिता विभाग को संजीवनी सोसाइटी के खिलाफ निवेशकों का धन हड़पने की 31 हजार से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के घोटालों और प्राप्त शिकायतों की विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में मल्टी स्टेट सोसायटियों के साथ बैंकिंग सिस्टम को मजबूत करने के सम्बंध में भी लिखा जाए। सीएम ने कहा कि विभागीय अधिकारी राज्य में कार्यरत क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के लेखों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करें।

मल्टी स्टेट सोसायटियों के विरुद्ध 90 हजार शिकायतें
श्री गहलोत ने कहा कि मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों ने अनुचित तरीके से राजस्थान के लाखों लोगों की जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई को नुकसान पहुंचाया हैै। ऐसी सोसायटियों के सम्बंध में राज्य सरकार को 94164 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनमें से संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के घोटाले को लेकर लगभग 31 हजार से अधिक तथा आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के खिलाफ41 हजार से अधिक शिकायत है, जिनमें लोगों ने करोड़ों रुपए निवेश किए थे। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्राधिकार वाली मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव के घोटालों और अनियमितताओं से भविष्य में आमजन के बचाव के लिए सोसायटियों पर तुरंत रोक लगाएं।
विजिलेंस कमेटी द्वारा किए गए निरीक्षण
श्री गहलोत की जानकारी में लाया गया कि मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों द्वारा घोटालों व अनियमितताओं की पुनरावृत्ति की रोकथाम के लिए रजिस्ट्रार सहकारी समितियां, राजस्थान की अध्यक्षता में गठित विजिलेंस कमेटी के निर्देशन में उक्तसोसायटियों का निरीक्षण करवाया जा रहा है। प्रदेश में ऐसी 50 सोसायटी हंै, जिनमें से 12 समितियां अवसायनाधीन हैं। शेष 38 का विजिलेंस ऑथोरिटी के निर्देशन में निरीक्षण हो रहा है। अभी तक 27 सोसायटी की रिपोर्ट आवश्यक कार्यवाही के लिए केंद्रीय रजिस्ट्रार नई दिल्ली को भेजी जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी प्रकार की सोसायटी के कार्यों में पूर्ण पारदर्शिता लाई जाए।
पैक्स की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए करें प्रयास
श्री गहलोत ने कहा कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों (पैक्स) की आर्थिक स्थिति में सुधार लाया जाए। खाद-बीज वितरण, भंडारण जैसे कार्यों के अतिरिक्त प्रोसेसिंग एग्रीकल्चर यूनिट लगाई जाए। फार्मर प्रोडक्शन ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) नीति के तहत पैक्स, लैम्पस को और मजबूती प्रदान की जाए।
18101 करोड़ रूपए के फसली ऋण वितरित
बैठक में सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा ने बताया कि अल्पकालीन फसली ऋण वितरण (2021-22) में 18500 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया। इसमें से 31 मार्च 2022 तक 18101 करोड़ रुपए (98 प्रतिशत) वितरित किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2020 से अब तक 220 से अधिक कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं।
बैठक में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मुक्तानंद अग्रवाल सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।