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सहकारिता विभाग की पहल, महंगी बीमा योजनाओं से किसानों को मिलेगा छुटकारा

जयपुर, 16 जून (मुखपत्र)। राजस्थान में सहकारी बैंकों एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से अल्पकालीन फसली ऋण लेने वाले किसानों को महंगी बीमा योजनाओं से शीघ्र ही बड़ी राहत मिल सकती है। किसानों के आर्थिक शोषण का प्रतीक बन चुकी राज सहकार जीवन सुरक्षा बीमा योजना से किसानों को छुटकारा मिल जायेगा। सहकारिता विभाग, केरल की तर्ज पर एक नई रिलीफ फंड स्कीम लॉन्च करने जा रहा है, जिसे सहकारिता विभाग के मार्गदर्शन में अपेक्स बैंक व केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा संचालित किया जायेगा। यदि ऐसा होता है तो 60 वर्ष तक के किसानों को वर्तमान में प्रचलित प्रीमियम से लगभग 40 प्रतिशत कम राशि पर और 60 वर्ष से आयु वाले किसानों को वर्तमान दर से 75 प्रतिशत सस्ती दर पर रिलीफ फंड स्कीम का लाभ मिल सकता है।

सहकारिता राज्यमंत्री (स्ततंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक की अध्यक्षता में हाल ही में अपेक्स बैंक में हाईलेवल मीटिंग आयोजित की गयी, जिसमें वर्तमान में प्रचलित बीमा योजनाओं पर चर्चा की गयी। इसमें से एक योजना, कम्पनी का चयन नहीं होने के कारण इस साल संचालित नहीं की जा रही जबकि दूसरी योजना का प्रीमियम बहुत अधिक होने का फीडबैक था। बैठक में सहकारिता विभाग की शासन सचिव शुचि त्यागी, सहकारिता रजिस्ट्रार अर्चना सिंह, अतिरिक्त रजिस्ट्रार-द्वितीय शोभिता शर्मा, अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक (तात्कालिन) भोमाराम आदि शामिल हुए। व्यापक विचार विमर्श के उपरांत, सहकार सुरक्षा बीमा योजना के स्थान पर, नई योजना को अंगीकार करने पर सहमति बनी। यदि सबकुछ अनुकूल रहा तो 1 जुलाई 2024 को यह योजना मूर्त रूप ले सकती है।

दायें से बायें – सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक, शासन सचिव शुचि त्यागी और सहकारिता रजिस्ट्रार अर्चना सिंह।

 

प्रस्तावित योजना का खाका

सहकारिता विभाग द्वारा राजस्थान राज्य सहकारी बैंक के स्तर पर प्रस्तावित योजना को बीमा योजना का नाम नहीं दिया जाकर, राजस्थान सहकारी कृषक रिस्क रिलीफ फंड स्कीम का नाम दिया गया है। फिलहाल इसे वर्तमान वित्त वर्ष के लिए यानी 1 जुलाई 2024 से 31 मार्च 2025 तक लागू किया जाना प्रस्तावित है। इसमें अल्पकालीन फसली ऋण प्राप्त करने वाले ग्राम सेवा सहकारी समितियों के सदस्य ऋणी किसान की मृत्यु होने पर 2 लाख रुपये और गम्भीर बीमारी की स्थिति में 50 हजार रुपये की सहायता दी जायेगी।

अल्पकालीन फसली ऋण लेने वाले 18 साल से 79 साल तक के समस्त कृषकों अनिवार्य रूप में इस योजना में शामिल किया जायेगा जबकि अन्य ऋणियों, अमानतदारों, स्टाफ सदस्यों के लिए यह योजना ऐच्छिक होगी। इस योजना के लिए ऋणी किसान को, अल्पकालीन ऋण राशि का मात्र 1 प्रतिशत अंशदान करना होगा। अब तक एक लाख रुपये के अल्पकालीन फसली ऋण पर किसान को 1770 रुपये का प्रीमियम चुकाना पड़ रहा है, वहीं इस योजना में केवल 1 हजार रुपये ही देने होंगे। इस योजना का संचालन राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड, जयपुर द्वारा किया जायेगा। केंद्रीय सकारी बैंक द्वारा ऋणी किसानों से वसूल की जाने वाली राशि इस अंशदान कोष में जमा करवायी जायेगी। क्लेम की डिमांड होने पर अंशदान कोष से भुगतान किया जायेगा।

रजिस्ट्रार की पहल से निकला राहत का रास्ता

उल्लेखनीय है कि रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, राजस्थान अर्चना सिंह द्वारा मार्च, 2024 में सहकारिता सेवा के चार अधिकारियों (ज्वाइंट रजिस्ट्रार अजय उपाध्याय, ज्वाइंट रजिस्ट्रार प्रेमचंद जाटव, उप रजिस्ट्रार जयपाल गोदारा और उप रजिस्ट्रार मनोज कुमार मान) का एक अध्ययन दल केरल भेजा गया था। इस दल द्वारा केरल राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड, तिरुअंनतपुरम और केरल की प्राथमिक सोसाइटियों (पैक्स) के द्वारा व्यवसाय विविधिकरण के तहत के अंतर्गत संचालित विभिन्न गतिविधियों का अध्ययन करके अपनी रिपोर्ट रजिस्ट्रार को प्रस्तुत की गयी थी, जिसमें केरल में राज्य सहकारी बैंक द्वारा संचालित इस योजना का उल्लेख करते हुए, इसे अंगीकार करने को सुझावित किया गया था। रजिस्ट्रार अर्चना सिंह को यह सुझाव काफी बेहतर लगा, जिससे नई योजना का मार्ग प्रशस्त हुआ।

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