तीन लाख रुपये की लागत आयेगी, पैक्स को देने होंंगे केवल 15 हजार रुपये
जयपुर (मुखपत्र)। राज्य सरकार ने प्रदेश में पैक्स/लैम्पस कम्प्यूटराइजेशन प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन और मोनेटरिंग के लिए लिए प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय समिति का गठन किया है।
प्रशासनिक सुधार विभाग (अनु-3) के संयुक्त शासन सचिव डॉ. प्रेम सिंह चारण के अनुसार, जिला स्तरीय समिति का अध्यक्ष, जिला कलेक्टर अथवा उनके द्वारा मनोनीत प्रतिनििध, जो एडीएम स्तर से कम नहीं हो, होगा। सदस्य सचिव सम्बंधित केंद्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक होंगे।
समिति के सदस्यों में खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, नाबार्ड का एक प्रतिनिधि, पैक्स के तीन प्रतिनिधि, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग (डीओआईटी) का प्रतिनिधि, राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) का प्रतिनिधि, सम्बंधित उप-रजिस्ट्रार और विशेष लेखा परीक्षक को शामिल किया गया है। सम्बंधित तकनीकी वेंडर या उसका प्रतिनिधि विशेष आमंत्रित सदस्य होगा।
ये काम करेगी समिति
प्रोजेक्ट की प्रथम पंक्ति के रूप में कार्य करते हुए यह समिति कम्प्यूटराइजेशन का सुचारू क्रियान्वयन करेगी। योजना के क्रियान्वयन में आनी वाली तकनीकी दिक्कतों- कनेक्टिविटी, पावर सप्लाई, पैक्स का ऑडिट पूर्ण कराना, वेंटर और क्लाइंट के मध्य विवाद को निपटाएगी।
समिति द्वारा पात्रता के मानदंडों के आधार पर चयनित पैक्स की स्वीकृति हेतु राज्य स्तरीय कमेटी को अनुशंसा की जायेगी। हर तीन माह में प्रोजेक्ट की प्रगति की जानकारी देगी। राष्ट्र स्तरीय समिति द्वारा निर्धारित दिशा निर्देश के आधार पर वेंडर के क्लेम रिलीज करने हेतु प्रकरण राज्य स्तरीय समिति को प्रेषित करेगी।
यह है योजना
केंद्र सरकार की बजट घोषणा फरवरी-2017 के अंतर्गत प्रदेश में पैक्स और लैम्पस का कम्प्यूटराइजेशन प्रस्तावित है। प्रोजेक्ट में पैक्स/लैम्प्स के चयन के लिए मानदंड निर्धारित हैं। इस प्रोजेक्ट में केंद्र सरकार, राज्य सरकार व सम्बंधित पैक्स की भागीदारी होगी। प्रत्येक पैक्स के लिए परियोजना की लागत 3 लाख रुपये है। इसमें से केंद्र सरकार द्वारा 60 प्रतिशत, राज्य सरकार द्वारा 35 प्रतिशत और सम्बंधित पैक्स द्वारा 5 प्रतिशत यानी मात्र 15 हजार रुपये की राशि वहन की जाएगी।