नई दिल्ली, 13 मई। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) ने कर्नाटक में जोरदार जीत करते हुए, न केवल इस राज्य में, अपितु दक्षिण भारत में भाजपा की सत्ता को समाप्त कर दिया है। राज्य विधानसभा के चुनाव में 38 साल की, पांच-पांच साल बाद सत्ता बदलने की परम्परा इस बार भी कायम रही है। यानी राज्य में वोटर्स ने सरकार रिपीट नहीं की। वोटर्स ने सर्वे एजेंसियों के मतदान पश्चात के दावों से इतर, कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत दिया है।
कांग्रेस को 135 सीटों पर विजय हासिल हुई है। बहुमत का आंकड़ा 113 है। 65 सीटें जीतने के बाद बीजेपी ने कर्नाटक चुनाव में हार स्वीकार कर ली है। जेडीएस के हिस्से में 19 सीटें आई हैं। अन्य के खाते में 3 सीटें गई हैं। अब कांग्रेस को राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व कई बार पार्टी के संकटमोचक रहे डीके शिवकुमार में से किसी एक को मुख्यमंत्री चुनना है, जो कि पार्टी के सामने बहुत बड़ी चुनौती है।
कांग्रेस ने 34 साल में सबसे बड़े वोट शेयर से कर्नाटक जीता
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने स्पष्ट बहुमत के साथ जीत दर्ज की है। कई वर्षों की तुलना में सीटों और वोट शेयर के हिसाब से यह जीत बड़ी है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली है। सीट और वोट शेयर के हिसाब से पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस ने 135 सीटें और 42.9 फीसदी वोट शेयर प्राप्त किया। कर्नाटक के चुनाव परिणामों पर नजर रख रहे स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने दावा किया है कि राज्य में वोट शेयर और सीटों के हिसाब से 34 साल में किसी पार्टी की यह सबसे बड़ी जीत होने जा रही है।
2013 के मुकाबले 6.3 प्रतिशत अधिक वोट मिले
आंकड़े बताते हैं कि 34 साल पहले (1989 में) कांग्रेस को 178 सीटें और 43.76 फीसदी वोट शेयर मिला था। 1994 के विधानसभा चुनाव में जेडीएस को 115 सीटें और 33.54 फीसदी वोट शेयर मिला था। 1999 के चुनाव में कांग्रेस को 132 सीटें और 40.84 फीसदी वोट शेयर प्राप्त हुआ था। 2004 के चुनाव में बीजेपी ने 79 सीटें और 28.33 फीसदी वोट शेयर हासिल किया था। 2008 के चुनाव में बीजेपी को 110 सीटें और 33.86 फीसदी वोट शेयर मिला था। 2013 के चुनाव में कांग्रेस को 122 सीटें और 36.6 फीसदी वोट शेयर मिला था। 2018 के चुनाव में बीजेपी को 104 सीटें और 36.3 फीसदी वोट शेयर मिला था।