पैक्स कम्प्यूटरीकरण की 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार वहन करेगी
नई दिल्ली, 29 जून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्डलीय समिति ने प्राथमिक कृषि ऋण समिति (पैक्स) की दक्षता बढ़ाने, उनके संचालन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही लाने और पैक्स को अपने व्यवसाय में विविधता लाने व विभिन्न गतिविधि/सेवा शुरू करने की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से पैक्स कम्प्यूटरीकरण को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना पर 2516 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसमें से 1528 करोड़ रुपए भारत सरकार देगी। आगामी पांच वर्ष में लगभग 63,000 एक्टिव पैक्स के कम्प्यूटरीकरण का प्रस्ताव है।
प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियां (पैक्स) देश में अल्पकालिक सहकारी ऋण (एसटीसीसी) की त्रि-स्तरीय व्यवस्था में सबसे निचले स्तर पर अपनी भूमिका निभाती हैं, जहां लगभग 13 करोड़ किसान इसके सदस्य के रूप में शामिल होते हैं और जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होती हैं।
पहले से कम्प्यूटरीकृत पैक्स को मिलेगी आर्थिक सहायता
ऐसे राज्यों में जहां पैक्स का कम्प्यूटरीकण पूर्ण हो चुका है, केंद्र सरकार की ओर से प्रत्येक पैक्स को 50 हजार रुपए की एकमुश्त सहायता दी जाएगी, बशर्ते कि वे साझा सॉफ्टवेयर के साथ एकीकृत होने/अपनाने के लिए सहमत हों, उनका हार्डवेयर आवश्यक विनिर्देशों को पूरा करता हो और उनका सॉफ्टवेयर 1 फरवरी, 2017 के बाद शुरू किया गया हो।