बैंकों की वित्तीय सुदृढ़ता के लिए बेहद महत्वपूर्ण है सीटीपी
जयपुर, 8 मार्च (मुखपत्र)। अपेक्स बैक ने प्रबंध निदेशक इन्द्र सिंह ने पदभार संभालने के साथ ही केंद्रीय सहकारी बैंकों को वित्तीय रूप से सुदढ़़ बनाने की ओर कदम बढ़ा दिया है। प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता अभय कुमार की अध्यक्षता में अयोजित रिव्यू बैठक में इन्द्र सिंह ने समस्त सीसीबी एमडी के समक्ष अपनी योजना का खाका रखा और सहयोग की अपेक्षा की।
अपने अनुभव और नाबार्ड के मार्गदर्शन में उन्होंने राज्य के प्रत्येक केंद्रीय सहकारी बैंक के आर्थिक उत्थान के लिए कॉम्प्रहेंसिव टर्न अराउंड प्रोजेक्ट (सीटीपी) यानी बैंकों की व्यापक बदलाव परियोजना पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत नाबार्ड के आर्थिक सहयोग से नये सदस्यों को ऋण वितरण, पुराने सदस्योंं को उनकी साख सुविधा के अनुरूप और अधिक ऋण उपलब्ध्य करवाना, मध्यकालीन एवं दीर्घाकालीन ऋण वितरण में बढोतरी, पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन को बढावा देने के लिए संयुक्त देयता समूहों (जेएलजी) का गठन एवं ऋण वितरण, एनपीए में कमी लाना, बैक के सीआरएआर स्तर को मानकों के अनुरूप रखना, एक मुश्त समझौता योजना के माध्यम से अधिकाधिक ऋण वसूली, ग्राम सेवा सहकारी समितियों के आर्थिक उत्थान के लिए नये मिनी बैंकों खोलना, आईसीडीपी व केंद्र/राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत गोदाम भंडारण की क्षमता में बढोतरी करना आदि मुख्य रूप शामिल है।
इन्द्र सिंह ने सहकार गौरव को बताया कि बैंकों की प्रमुख समस्याओं की पहचान कर प्रत्येक बैंक के लिए अलग-अलग सीटीपी बनाई जाएगी। यह दो वर्षीय परियोजना होगी। पहले और दूसरे वर्ष के लिए अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किये जायेंगे। इसके लिए नाबार्ड व अपेक्स बैक द्वारा समय-समय पर प्रबंध निदेशकों व बैंक कार्मिकों के लिए वर्कशॉप व ट्रेनिंग सेशन होंगे।
बैंकिंग सैक्टर का लम्बा अनुभव
बैकिंग इण्डस्ट्रीज का लम्बा अनुभव रखने वाले इन्द्र सिंह विभिन्न केंद्रीय सहकारी बैंकों में प्रबंध निदेशक के दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन कर चुके हैं। वे जयपुर प्रधान कार्यालय में ज्वाइंट रजिस्टार बैंकिंग की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। उन्होंने श्रीगंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक से अलग हुए हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक के प्रथम प्रबंध निदेशक के रूप में बैंक को उपयोगी एवं आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाया। अलवर में जेएलजी की शानदार शुरूआत की, जो पूरे प्रदेश में मिसाल है। कोटा जैसे डांवाडोल स्थिति वाले बैंकों को उबारने में पूरा दमखम लगा दिया।