जयपुर, 8 मई (मुखपत्र)। राजस्थान सरकार ने ग्राम सेवा सहकारी समिति के माध्यम से केंद्रीय सहकारी बैंक से लिए गए ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण जमा करवाने की अन्तिम तिथि 30 जून 2022 कर दी है। स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के माध्यम से खरीफ ऋण जमा कराने की आखिरी तारीख बढाए जाने की सूचना दी। किसानों को अब ऋण चुकाने के लिए सात सप्ताह का अतिरिक्त समय मिल जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के कारण उपजी विपरीत परिस्थितियों के कारण, किसानों के हित को देखते हुए राज्य सरकार गत दो वर्ष से लगातार, किसानों को तीन माह का अतिरिक्त समय दे रही थी। वर्ष 2020 एवं 2021 में खरीफ ऋण चुकाने की अंतिम तिथि को 31 मार्च से बढाकर 30 जून किया गया था। सामान्यत: फसली सीजन के लिए ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च निर्धारित है। पिछले दो साल में कोरोना वायरस संकट के कारण, ऋण जमा करवाने की तिथि 30 जून की गयी थी। यदि अंतिम तिथि तक ऋण जमा नहीं होता है, तो ऋण अवधिपार होने पर किसान को 9 प्रतिशत ब्याज चुकाना पड़ता है, साथ ही उसे पुन: फसली ऋण सुविधा का लाभ नहीं मिलता।
इस साल अपेक्स बैंक ने नहीं भेजा प्रस्ताव
राज्य सरकार द्वारा राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लि. यानी अपेक्स बैंक के प्रस्ताव पर ही ऋण वितरण अथवा वसूली की तिथि में बढोतरी का निर्णय लिया जाता है। इस साल अपेक्स बैंक की ओर से खरीफ ऋण वसूली की तिथि बढाए जाने की कोई अनुशंसा नहीं की गयी थी। अपेक्स बैंक के तत्कालिन प्रशासक एवं तत्कालिन प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार की ओर से भी अपेक्स बैंक एमडी के प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए फसली ऋण वसूली की तिथि बढाए जाने का कोई प्रस्ताव सरकार को नहीं भेजा गया, जिसके चलते राज्य सरकार की ओर से किसान हित के इस महत्वपूर्ण विषय पर समय रहते कोई निर्णय नहीं हो पाया।
1550 करोड़ रुपए का ऋण अवधिपार, 4.50 लाख किसान डिफाल्टर
ऋण जमा करवाने की तिथि नहीं बढाए जाने से प्रदेश के 4 लाख 50 हजार से अधिक किसान डिफाल्टर हो गए हैं और केंद्रीय सहकारी बैंकों का 1550 करोड़ रुपए का फसली ऋण अवधिपार हो गया। यह जानकारी मीडिया में आने पर न केवल सहकारिता विभाग, अपितु सीएमओ में भी हलचल मच गयी। अकेले बाड़मेर जिले में ही डेढ़ लाख से अधिक किसानों का 550 करोड़ रुपए का फसली ऋण अवधिपार हो गया था। यदि अपेक्स बैंक के रुख को देखते हुए सरकार अतिम तिथि नहीं बढ़ाती तो प्रदेशभर के डिफाल्टर किसानों को कम से कम 100 करोड़ रुपए ब्याज के रूप में बैंकों को चुकाने पड़ते, साथ ही इन 4.50 लाख किसानों को सहकारी साख सुविधा से भी वंचित होना पड़ता।
राज्य सरकार के कई मंत्रियों, विधायकों ने सीएम को वास्तविक स्थिति से अवगत कराया। शनिवार को सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम ने सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा और सहकारिता रजिस्ट्रार मुुक्तानंद अग्रवाल से फसली ऋण वसूली पर फीडबैक लिया और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अल्पकालीन ऋण वसूली की तिथि बढाए जाने की घोषणा की।
ऋण वसूली की अवधि बढाए जाने का स्वागत
सहकार नेता सूरजभान सिंह आमेरा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा खरीफ ऋण वसूली की अवधि बढाए जाने की घोषणा का स्वागत किया है। एक बयान में आमेरा ने कहा कि मुख्यमंत्री के स्तर पर हुए इस निर्णय से किसान के साथ-साथ ग्राम सेवा सहकारी समितियों, केंद्रीय सहकारी बैंकों, राज्य सहकारी बैक और सहकारी साख आंदोलन का हित भी जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि उनके संगठन की ओर से पहले ही सरकार से यह आग्रह किया गया था कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए खरीफ ऋण वसूली की अवधि बढाए जाने की आवश्यकता है।
इसके पश्चात केबिनेट मंत्री हेमाराम और किसान नेता रामेश्वर डूडी के माध्यम से भी सीएम के समक्ष इस मुद्दे को उठाया गया। आमेरा ने कहा, यदि समय रहते जिम्मेदार लोगों ने सरकार के पास यह प्रस्ताव भिजवा दिया होता तो 1 अप्रेल को ही ऋण वसूली की तारीख बढाए जाने की घोषणा हो जाती और किसानों को ऋण चुकाने के लिए तीन माह का अतिरिक्ति समय मिल जाता।