नई दिल्ली, 30 अगस्त। भारतीय खिलाडिय़ों का टोक्यो पैराम्लिपिक में शानदार खेल जारी है। सोमवार को भारतीय खिलाडिय़ों ने दो गोल्ड सहित कुल चार पदक जीते। भारत की अवनि लेखरा और एथलीट सुमित अंतिल ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए भारत को गोल्ड मेडल दिलाये।
भारत के लिए दिन का पहला गोल्ड मेडल अवनि लेखरा ने जीता। निशानेबाजी में पैरा शूटर अवनी लाखेरा ने 10 मीटर एयर राइफल्स में स्वर्ण पदक जीता है। अवनि ने फाइनल में 249.6 का स्कोर किया, जो कि वल्र्ड रिकार्ड के बराबर है। अवनि पैराम्लिपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं। अवनि के पिता राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रवीण लाखेरा श्रीगंगानगर (राजस्थान) में राजस्व अपील अधिकारी (आरएए) के पद पर कार्यरत हैं।
भारत के लिए दिन का दूसरा गोल्ड मैडल सुमित अंतिल ने जीता। भाला फेंक इवेंट में एफ 65 में उन्होंने महज 15 मिनट के अंदर में तीन बार वल्र्ड रिकार्ड को तोड़ते हुए इतिहास रच दिया। भारत को गोल्ड मेडल दिलाने के साथ ही सुमित ने पैरालिम्पिक इतिहास में एक ही इवेंट में तीन बार वल्र्ड रिकार्ड बनाने का नया कमाल कर दिखाया।
सुमिल ने पहले प्रयास में 66.95 मीटर भाला फेंक कर वल्र्ड रिकार्ड बनाया। इसके कुछ मिनट बाद ही उन्होंने दूसरे प्रयास में 68.08 मीटर भाला फेंकते हुए अपने हुए कुछ मिनट पहले बनाए रिकार्ड तो तोड़ डाला। पांचवें प्रयास में उन्होंने 68.55 मीटर भाला को फेंकते हुए इस इवेंट में तीसरी बार वल्र्ड रिकार्ड बनाया।
जैवलिन थ्रो में देवेंद्र और सुंदर का धमाल
टोक्यो पैरालंपिक में देवेंद्र झाझडिय़ा और सुंदर सिंह गुर्जर ने जैवलिन थ्रो में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारत के खाते में दो और मेडल डाल दिए हैं। झाझडिय़ा ने रजत तो सुंदर सिंह ने कांस्य पदक जीता है। इसी के साथ भारत ने टोक्यो पैरालंपिक में कुल 7 मेडल जीत लिए हैं। जैवलिन थ्रो में श्रीलंका के एम. हैराथ ने स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 67.79 मीटर का थ्रो किया जबकि देवेंद्र ने 64.35 मीटर और सुंदर ने 64.01 मीटर दूर भाला फेंक क्रमश: रजत पदक और कांस्य पदक प्राप्त किया।
चार में से तीन पदक राजस्थान के खिलाडिय़ों ने जीते
सोमवार को भारत में झोली में चार पदक आये। इनमें से तीन पदक राजस्थान के खिलाडिय़ों ने जीते। राजस्थान की अवनि लेखरा ने निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीता जबकि देवेंद्र झाझडिय़ा ने जैवलिन थ्रो में रजत पदक तथा सुंदर गुर्जर ने कांस्य पदक जीता।