ऑडिट रिपोर्ट अपलोड होने के बाद ही ऑडिटर को फीस का भुगतान होगा
जयपुर, 5 जून (मुखपत्र)। राज्य की एक लाख सहकारी संस्थाओं की ऑडिट रिपोर्ट ऑनलाइन होगी इसके लिए राजसहकार एप्लीकेशन के माध्यम से समितियों की ऑडिट रिपोर्ट को सात दिवस के भीतर समिति के मुख्य कार्यकारी एवं ऑडिटर को अपलोड करना होगा। अपलोड होने के बाद ही ऑडिटर को पारिश्रमिक का भुगतान किया जाएगा। 31 मई तक जिन समितियों ने ऑडिटर नियुक्त नहीं किये है उनकी नियुक्ति विभाग द्वारा की जाएगी।
पारदर्शी व्यवस्था है राजसहकार पोर्टल
सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार ने बताया कि राज्य सरकार के उत्तरदायित्व एवं पारदर्शी व्यवस्था के तहत राजसहकार पोर्टल बनाया गया है। यह एक एकीकृत प्लेटफार्म है इस प्लेटफार्म के द्वारा सहकारिता विभाग के अधिकारी, सहकारी संस्थाएं एवं आमनागरिक विभाग की विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं यथा अल्पकालीन फसली ऋण आवेदन, न्यूनतम समर्थन मूल्य के आवेदन, न्यूनतम समर्थन मूल्य के भुगतान, नई सहकारी संस्थाओं के पंजीयन, क्लबों/एन.जी.ओ./नागरिक संस्थाओं का पंजीयन के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की खेल समितियों के पंजीयन एवं इससे संबंधित समस्त कार्य इस पोर्टल पर ऑनलाइन कर सकेगें।
एक क्लिक पर मिलेगी संस्था की जानकारी
अभय कुमार ने बताया कि लगभग एक लाख सहकारी समितियों के वार्षिक लेखों के परीक्षण की ऑनलाइन व्यवस्थायें भी इसी पोर्टल के माध्यम से की गई हैं। उन्होंने बताया कि लेखापरीक्षक/ऑडिटर की नियुक्ति भी ऑनलाइन व्यवस्था से ही होगी। उन्होंने बताया कि पूर्व में किस संस्था कि ऑडिट पूर्ण हो गई है या नहीं इसकी जानकारी करने में कठिनाई होती थी। अब इस व्यवस्था से विभाग के उच्च अधिकारी केवल एक क्लिक पर सम्बन्धित सहकारी संस्था की ऑडिट रिपोर्ट एवं समस्त जानकारी ले सकते हैं।
गृह निर्माण सहकारी समितियों का डेटा होगा ऑनलाइन
प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि इस पोर्टल के माध्यम से गृह निर्माण सहकारी समितियों की अन्तिम उपलब्ध ऑडिट रिपोर्ट को पृथक से सामान्य जनता के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिससे सामान्य नागरिक को गृह निर्माण सहकारी समितियों के कार्यकलापों की जानकारी मिल सकेगी।
एनजीओ, क्लब एवं खेल संस्थाओं का डेटा भी होगा उपलब्ध
रजिस्ट्रार डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि अब राज्य में पंजीकृत सभी प्रकार की सहकारी समितियों, समस्त संस्थाओं, एन.जी.ओ., क्लबों, खेल संस्थाओं इत्यादि को अपने डाटा इस पोर्टल पर आवश्यक रूप से उपलब्ध कराना होगा ताकि नागरिक एवं विभाग को सहकारी संस्था कि वास्तविक जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने बताया कि विभिन्न सहकारी न्यायालयों‘में चल रहे वादों के सम्बन्ध में व्यक्ति अपने केस की अगली तारीख, वर्तमान स्थिति एवं ऑनलाइन वाद दायर करने की सुविधा इस पोर्टल पर उपलब्ध करवायी गई है जिसे भी शीघ्र चालू किया जा रहा है।
सहकारी संस्थाओं के चुनाव के लिए ऑनलाइन आवेदन
डॉ. पवन ने बताया कि समस्त प्रकार के सहकारी संस्थाओं के चुनाव के लिए पोर्टल में आवश्यक प्रावधान किये गये हैं। अब सहकारी संस्था को अपने चुनाव करवाने के लिए ऑनलाइन ही आवेदन करना होगा। उन्होंने बताया कि पोर्टल के अंतर्गत बनाई गई विभागीय बेवसाइट के माध्यम से भी सामान्य नागरिक को सहकारी कोर्ट केस स्टेटस, ऑडिट रिपोर्ट, डेयरी सहकारी समिति एवं ग्राम सेवा सहकारी समिति का सदस्य बनने हेतु आवेदन, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिक्री हेतु आवेदन, फसली ऋण प्राप्त करने हेतु आवेदन एवं लॉन वेवर स्टेटस की सुविधा उपलब्ध करवायी गयी है।