1 अप्रेल 2014 से पहले नियुक्त कार्मिकों की स्क्रीनिंग होगी
जयपुर (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग द्वारा पैक्स और लैम्पस के मुख्य कार्यकारी पद के लिए पात्रता धारित कर्मचारी के नियमितिकरण की अनुशंसा करने हेतु स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये हैं। इस क्रम में जैसलमेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जालौर और जोधपुर केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा स्क्रीनिंग हेतु आवेदन आमंत्रित किये गये हैं।
स्क्रीनिंग के लिए जैसलमेर सीसीबी में 10 जुलाई तक, जोधपुर सीसीबी में 12 जुलाई तक और जालौर, श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक में 15 जुलाई तक आवेदन मांगे गये हैं।
31 जुलाई तक पूर्ण करनी है स्क्रीनिंग प्रक्रिया
बैंकों की ओर से क्षेत्र में कार्यरत समितियों को निर्देशित किया गया है कि वे स्क्रीनिंग से वंचित, मुख्य कार्यकारी के पद पर कार्यरत कार्मिक, जो कि समिति के प्रस्ताव द्वारा पूर्व में नियोजित किये गये हों एवं स्क्रीनिंग द्वारा नियमितिकरण शेष हो, की व्यक्तिगत पत्रावली सम्बंधित पैक्स/लैम्पस के अध्यक्ष द्वारा पारित एवं अनुमोदित करवाकर भेजें। स्क्रीनिंग से वंचित व्यवस्थापकों को अपना आवेदन शाखा प्रबंधक या ऋण पर्यवेक्षक के माध्यम से प्रधान कार्यालय में देना होगा।
सहकारिता रजिस्ट्रार के पत्रानुसार समस्त सीसीबी को 31 जुलाई 2019 तक स्क्रीनिंग प्रक्रिया पूर्ण करनी है। स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष जिला कलेक्टर, सह-अध्यक्ष बैंक के संचालक मंडल का अध्यक्ष जबकि सदस्य इकाई अधिकारी व समिति का अध्यक्ष होता है।
ये हैं स्क्रीनिंग की शर्तें
– स्क्रीनिंग केवल मुख्य कार्यकारी की ही की जायेगी। समिति में यह पद रिक्त होना चाहिए।
– आवेदक की नियुक्ति 1 अप्रेल 2014 से पहले की हो एवं समिति की गत दो वर्ष की ऑडिट रिपोर्ट पर हस्ताक्षर होने चाहिए या 1 अप्र्रेल 2014 से पूर्व सहायक व्यवस्थापक पद पर चयनित होकर डिफेक्टो के रूप में व्यवस्थापक के पद समस्त कार्य किया जा रहा हो एवं पिछले दो वर्ष से समिति की ओर से सिग्नेचरी हो।
– आवेदक की आयु 21 से 33 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
– आवेदक के विरुद्ध कोई आपराधिक प्रकरण विचाराधीन नहीं होना चाहिए।
– आवेदक जिले का निवासी हो एवं शैक्षणिक योग्यता स्नातक उत्तीर्ण हो।
– आवेदक के विरुद्ध राजस्थान सहकारी सोसायटी एक्ट की धारा 57 का निर्णय या 55 अथवा धारा 57 के अंतर्गत जांच लम्बित नहीं हो।
– सम्बंधित बैंक शाखा द्वारा आवेदक को गत 2 वर्ष की अवधि में व्यवस्थापक के रूप में लेन देन की मान्यता दी गयी हो।
– सम्बंधित बैंक शाखा एवं समिति संचालक मंडल द्वारा सेवाएं संतोषप्रद होने का प्रमाण पत्र प्राप्त हो।