स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार रुपए, ब्याज पर टीडीएस में छूट 40 हजार रुपए हुई
नई दिल्ली, 1 फरवरी (एजेंसी)|सरकार ने पांच लाख रुपये व्यक्तिगत सालाना आय को करमुक्त करके शुक्रवार को देश के मध्यम वर्ग को चुनावी साल में नई सौगात दी है। अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए कार्यवाहक वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पांच लाख रुपये तक की सालाना आमदनी वाले करदाताओं को अब कर में पूरी छूट मिलेगी और उन्हें कोई आयकर नहीं देना होगा। गोयल ने कहा, “पिछले साढ़े चार वर्षो के दौरान हमारे द्वारा किए गए प्रमुख कर सुधारों के कारण, कर संग्रहण और कर आधार में महत्वपूर्ण वृद्धि देखने को मिली है, जिससे साधारण कराधान उच्च-अनुपालन व्यवस्था कायम हुई है। इसलिए यह उचित होगा कि कर सुधारों का कुछ लाभ मध्यम वर्ग के करदाताओं को भी मिले।”उन्होंने कहा, “जिन लोगों की कुल आमदनी 6.50 लाख रुपये तक है, उन्हें भी किसी प्रकार के आयकर के भुगतान की जरूरत नहीं पड़ेगी, अगर वे भविष्य निधि, विशेष बचतों, बीमा आदि में निवेश कर लेते हैं।”
साथ ही दो लाख रुपये तक के आवास ऋण के ब्याज, शिक्षा ऋण पर ब्याज, राष्ट्रीय पेंशन योजना में योगदान, चिकित्सा बीमा, वरिष्ठ नागरिकों की चिकित्सा पर होने वाले खर्च आदि जैसी अतिरिक्त कटौतियों के साथ उच्च आय वालों को भी कोई कर नहीं देना होगा। इससे स्व नियोजित, लघु व्यवसाय, लघु व्यापारियों, वेतनभोगियों, पेंशनरों और वरिष्ठ नागरिकों सहित मध्यम वर्ग के करीब तीन करोड़ करदाताओं को करों में 18,500 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।
स्टैंडर्ड डिडक्शन और टीडीएस में छूट
वित्तमंत्री ने कहा कि वेतनभोगियों के लिए, मानक कटौती को वर्तमान 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे तीन करोड़ वेतनभोगियों और पेंशनधारकों को 4,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर लाभ मिलेगा। बैंक/डाकघर में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये कराने का प्रस्ताव किया गया है। गोयल ने कहा कि इससे छोटे बचतकर्ताओं और गैर-कामकाजी लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि छोटे करदाताओं को राहत देने के लिए किराये पर कर कटौती के लिए टीडीएस सीमा को 1,80,000 रुपये से बढ़ाकर 2,40,000 रुपये तक करने का प्रस्ताव है।
वित्त मंत्री ने कहा, “अपने कब्जे वाले दूसरे मकान के अनुमानित किराये पर लगने वाले आयकर शुल्क में छूट का प्रस्ताव किया गया है। वर्तमान में यदि एक व्यक्ति के पास एक से अधिक अपना घर है तो उसे अनुमानित किराये पर आयकर का भुगतान करना होता है।” गोयल ने अपनी नौकरियों, बच्चों की शिक्षा और माता-पिता की देखभाल के लिए दो स्थानों पर परिवार रखने के कारण मध्यम वर्गीय परिवारों को होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए इस राहत की घोषणा की।
धारा 54 में पूंजीगत लाभों में वृद्धि का प्रस्ताव
वित्तमंत्री ने कहा कि दो करोड़ रुपये तक के पूंजीगत लाभों को प्राप्त करने वाले एक करदाता के एक आवासीय घर से दूसरे आवासीय घर में निवेश के लिए आयकर अधिनियम की धारा 54 के अंतर्गत पूंजीगत लाभों में वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है। हालांकि इस लाभ को जीवन में एक बार ही प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सस्ते आवास के अंतर्गत और अधिक आवास उपलब्ध कराने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80-आईबीए के अंतर्गत लाभों को एक और वर्ष के लिए विस्तारित किया जा रहा है, अर्थात यह 31 मार्च, 2020 तक स्वीकृत आवासीय परियोजना पर लागू होगा।
रियल एस्टेट क्षेत्र पर विशेष ध्यान देते हुए वित्तमंत्री ने बिना बिके हुए घरों/फ्लैटों के अनुमानित किराये पर कर-शुल्क से छूट की अवधि को परियोजना पूर्ण होने के वर्ष के अंतिम समय के एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष तक करने का प्रस्ताव किया है।