– 6 फरवरी को जिलों में धरना, 8 फरवरी को जयपुर में महापड़ाव व 11 फरवरी की सहकारी बैंक हड़ताल
जयपुर 14 जनवरी। प्रदेश के सहकारी बैंकों के संगठन ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक एम्पलाईज यूनियन एवं ऑल राजस्थान का-ऑपरेटिव बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी, अपने लम्बित 15वें वेतन समझौते को लागू करने की मांग को लेकर राज्यव्यापी लामबंद हो गये है। यूनियन एवं एसोसिएषन के प्रान्तीय महासचिव व यूनाइटेड फॉरम के संयोजक सूरजभान सिंह आमेरा ने बताया कि प्रदेश के सभी सहकारी बैंकों के यूनियन एसोसिएशन के प्रांतीय पदाधिकारियों, जिला सचिव व अध्यक्षों की प्रान्तीय बैठक जयपुर में साथी महेन्द्र कुमार जैन व राजेन्द्र पूनिया की संयुक्तअध्यक्षता में राजस्थान प्रदेश बैंक एम्पलाईज यूनियन कार्यालय पर आयोजित हुई। बैठक को राजस्थान प्रदेश बैक एम्पलाईज यूनियन के महासचिव महेश मिश्रा एवं ऑल इण्डिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव नरेश शर्मा ने सम्बोधित करते हुए प्रदेश के सहकारी बैंक कार्मिकों के जनवरी 2014 से लम्बित 15वें वेतन समझौते को निष्पादित करने की सरकार से मांग करते हुए आन्दोलन को पूर्ण समर्थन दिया।
श्री आमेरा ने बताया कि प्रदेश के 5000 सहकारी बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों के जनवरी 2014 से वेतनमान, भत्तों एवं सुविधाओं में बढ़ोतरी व सुधार के लिए सहकारी विभाग व सरकार स्तर पर बनी कमेटी के साथ वार्ताओं के दौर आयोजित कर बनी सहमति व निर्णय की सिफारिश वित्त विभाग में अक्टूबर 2018 को भिजवा दी गई थी। सहकारी बैंक कर्मचारी व अधिकारी 15वें लम्बित वेतन समझौते को सरकार से वार्ता कर बनी लिखित सहमति के अनुरूप वित्त विभाग से निष्पादन कर लागू करने की मांग कर रहे है। प्रमुख शासन सचिव सहकारिता अभय कुमार की अध्यक्षता, तत्कालीन रजिस्ट्रार राजन विशाल , वर्तमान रजिस्ट्रार नीरज के पवन की सदस्यता से विभाग स्तर पर बनी कमेटी ने वार्ताओं के दौर आयोजित कर सहकारी बैंक कार्मिकों के मूल वेतन में जनवरी 2014 को शत-प्रतिशत मंहगाई विलिनिकरण कर 8.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी, 2 प्रतिशत मकान किराया भत्तें में बढ़ोतरी के साथ अन्य विशेष भत्तों, चिकित्सा भत्ता, शेक्षणिक वेतन वृद्धि व सुविधाओं में सुधार की सिफारिश रिपोर्ट वित्त विभाग को दी गई है।
आमेरा ने बताया कि सहकारी बैंक कार्मिकों की वेतन बढ़ोतरी एवजी राज्य सरकार के राजकोष पर कोई आर्थिक भार नहीं आता है और न ही वित्त विभाग को कोई बजट स्वीकृत करना होता है। बैंक कर्मचारी खुद कमाते हैं खुद खाते हैं तथा बैंक कार्मिकों द्वारा कमाये गये लाभों में आयकर भुगतान कर कार्मिकों का वेतन भुगतान करता है। बावजूद इसके वित्त विभाग में बैठे कुछ सरकार विरोधी कर्मचारी विरोधी व्यक्तिविशेष अधिकारी द्वारा इरादतन उसमे अनावष्यक टिप्पणी व आक्षेप पैदा कर वेतन समझौते के निष्पादन में विध्न किया जा रहा है।
आमेरा ने बताया कि यूनियन एसोशिएशन की जयपुर में सम्पन्न प्रान्तीय बैठक में सभी जिला प्रतिनिधियों ने वित्त विभाग की गैर बाजि़व-मनमानीपूर्ण रवैये व कार्यवाही पर रोष व्यक्तकिया गया। वेतन समझौते के पाँच वर्ष की अवधि दिसम्बर-2018 को पूरी हो जाने तथा मार्च में लोक सभा चुनाव आचार संहिता को देखते हुए बैठक में प्रदेश के सभी जिला प्रतिनिधियों ने सहकारी बैकों में राज्यव्यापी आन्दोलन का निर्णय लिया गया।
आमेरा ने बताया कि सहकारी बैकों में राज्यव्यापी आन्दोलन के तहत 16-28 जनवरी तक सभी जिला इकाईयां, जिला कलेक्टर, रजिस्ट्रार सहकारिता, प्रमुख शासन सचिव सहकारिता, सहकारिता मंत्री, मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को ज्ञापन व टेलिग्राम भेजेगे, 30-31 जनवरी को प्रदेश में कर्मचारी व अधिकारी काली पट्टी धारण करेंगे, 1 फरवरी को सभी जिला बैंक मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगें, 6 फरवरी को सभी जिला बैंक मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन आयोजित करेंगे, 8 फरवरी को जयपुर में प्रान्तीय धरना -महापड़ाव आयोजित करेगें। आन्दोलन के उपरान्त भी 15वां वेतन समझौता निष्पादित नहीं किया गया तो 11 फरवरी को सभी सहकारी बैंकों में 1 दिवसीय राज्यव्यापी पूर्ण हड़ताल होगी एवं जरूरत पडऩे पर 25 व 26 फरवरी को 2 दिवसीय सहकारी बैंक हड़ताल होगी। सहकारी बैंक कर्मचारियों के आन्दोलन व हड़ताल को प्रदेश के सभी सार्वजनिक बैंकों, ग्रामीण बैंकों व रिजर्व बैंक कर्मचारिया व अधिकारियों का पूर्ण समर्थन व भागीदारी रहेगी।