गोदारा ने ही सरकार को पत्र लिखकर सहकारी बैंकों में गबन-घोटालों की जानकारी दी थी
अलवर, 8 मार्च (मुखपत्र)। अप्रत्याशित घटनाक्रम के लिए चर्चित सहकारिता विभाग में गुरुवार को एक और कड़ी जुड़ गयी। यह खबर भतरपुर से आई है। भरतपुर के संभागीय अतिरिक्त पंजीयक एमपी यादव ने सहकारी बैंकों में गबन-घोटालोंं के लिए सरकार की नीतियों की आलोचना करने वाले वरिष्ठ अधिकारी विद्याधर गोदारा को अलवर बैंक प्रकरण का जांच अधिकारी नामित किया है।
अलवर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में कुछ कार्मिकोंं ने एनईएफटी/आरटीजीएसए एटीएम, रिकॉन्सिलेशन आदि में तकनीकी कमियों का लाभ उठाकर बैंक के करोड़ों रुपये का गबन कर लिया। बैंक ने इस मामले में मुख्य आरोपी अंकित शर्मा सहित पांच कर्मचारियों का निलम्बित कर रखा है।
विद्याधर गोदारा ने फरवरी माह में सीएमओ, प्रमुख शासन सचिव सहकारिता और रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर सहकारी बैंकों में गबन, घोटालोंं के लिए सरकार की ट्राांसफर और पोस्टिंग पोलिसी को जिम्मेदार बताया था। पत्र में उन्होंने गंंगानगर, डूंगरपुर, टोंक, जैसमलेर, सीकर, सिरोही, चित्तौडग़ढ़ और अलवर में वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा किया था। सरकार ने गोदारा के इस पत्र को लोकसेवक के आचरण के विपरीत मानते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
पहले वाले आदेश की नहीं हुई पालना
दरअसल, भरतपुर के जोनल एडिशनल रजिस्ट्रार एमपी यादव ने 15 फरवरी को एक आदेश जारी कर अलवर सीसीबी प्रकरण में दायित्व निर्धारण के लिए राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा 55 के तहत जांच का आदेश दिया था। आदेश में अपेक्स बैंक के डीजीएम पीयूष जी. नारायण, एजीएम विनोद बोचलिया, प्रबंधक मुक्तेश्वर प्रसाद और प्रबंधक अभिमन्यु यादव की टीम को जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन इनमें से कोई जांच के लिए नहीं गया। इस पर यादव ने 7 मार्च को संशोधित आदेश जारी कर, अतिरिक्त रजिस्ट्रार सीनियर स्केल विद्याधर गोदारा (एमओ आईसीडीपी जयपुर) को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए उपरोक्त चारों को जांच में सहयोग के लिए लगा दिया।
फिर हो सकता है गोदारा को ऐतराज
धारा 55 में जांच अधिकारी बनाए जाने को लेकर विद्याधर गोदारा फिर ऐतराज पेश कर सकते हैं, जैसा कि उन्होंने कोटा जोनल एडिशनल रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्ति के समय किया था। इसका सबसे बड़ा कारण, गोदारा को जांच अधिकारी एमपी यादव ने सीनियर होना है। यादव अतिरिक्त रजिस्ट्रार हैं जबकि गोदारा सीनियर स्केल में। राज्य सरकार ने 15 फरवरी को गोदारा को जोनल एडिशनल रजिस्ट्रार कोटा के पद पर लगाया था, जो कि अतिरिक्त रजिस्ट्रार कैडर का पद है। इसी से रुष्ट गोदारा ने सरकार को 7 पेज का पत्र लिखा था, जिसके बाद उन्हें उनके कैडर के अनुरूप पद पर लगा दिया गया।