सात सौ करोड़ रुपये का अल्पकालीन फसली ऋण वितरित : आंजना

श्री आंजना ने प्रश्नकाल में बताया कि ऋण वितरण की प्रक्रिया जारी है और सरकार लगातार ऋण दे रही है। उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार ने ऋणमाफी योजना शुरू की, उसमें काफी अनियमितता की शिकायतें मिली। इस कारण सरकार ने आधार आधारित सत्यापन शुरू किया है।
उन्होंने बताया कि एक -एक परिवार को लाभ देने के लिए यह ऋण माफी की घोषणा की गई। ऋण माफी के दौरान कई परिवारों को दस-दस लाख रुपए तक की छूट मिली तो कई परिवार बिल्कुल वंचित रह गए। उन्होंने बताया कि जो परिवार दोहरा लाभ ले रहे हैं और उनके मामले में यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार की प्राथमिकता महिलाओं को पहले ऋण देने की है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि ऋण वितरण की प्रक्रिया जारी है तथा आज तक 600 करोड़ का ऋण वितरित किया जा चुका है और सायं तक एक हजार करोड़ का ऋण वितरित कर दिया जाएगा।
बैंकों की वित्तीय स्थिति के अनुसार ऋण वितरण
इससे पहले विधायक श्रीमती चन्द्रकान्ता मेघवाल के मूल प्रश्न के जवाब में सहकारिता मंत्री ने बताया कि राज्य की केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड योजना अन्तर्गत रियायती दर पर अल्पकालीन फसली ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। राज्य की 29 केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा राज्यस्तरीय तकनीकी समिति द्वारा निर्धारित मानदंड के अनुसार सदस्य द्वारा धारित भूमि, खरीफ व रबी में बोई जाने वाली फसल के आधार पर अधिकतम साख सीमा स्वीकृत की जाती है। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के दृष्टिगत स्वीकृत साख सीमा अन्तर्गत ऋण स्वीकृत किया जाता है।
केसीसी पर फसल बीमा और दुर्घटना बीमा का लाभ
उन्होंने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी अल्पकालीन कृषि ऋण नीति (केसीसी) मे 3 लाख रुपए तक के ऋण अनुदानित दर पर उपलब्ध करवाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण लेने वाले क्रेडिट कार्डधारी किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा दुर्घटना बीमा योजना क्रियान्वित की जा रही है। उक्त योजनाओं में फसल खराबा अथवा दुर्घटनावश मृत्यु होने पर बीमा कवर अनुसार राशि कृषक या नामिती के खाते में प्राप्त होती है।