मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद्र सिंह ने दिया मजिस्ट्रियल जांच का आदेश
लुधियाना, 27 जून (एजेंसी )| पंजाब के लुधियाना शहर की जेल में गुरुवार को दो गुटों में हुई हिंसक झड़प में एक कैदी की मौत को गई और 11 लोग घायल हो गए, जिसमें छह पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर पत्थरबाजी की। कैदियों ने अपने मोबाइल फोन में घटना का वीडियो बनाया और उसे फेसबुक पर लाइव प्रसारित किया।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह नई दिल्ली में हैं। उन्होंने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। जांच लुधियाना के उपायुक्त करेंगे। मुख्यमंत्री ने घटना को गंभीरता से लेते हुए हिंसा भड़काने वालों की पहचान करने के लिए एक विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं।
जेल के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हवा में कई राउंड फायरिंग की। 11 कैदियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन उनमें से ज्यादातर को पकड़ लिया गया।
जेलों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल
जेलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल की संभावना से राज्य के जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इनकार नहीं किया है। उन्होंने स्वीकार किया कि जेलों में कोई कार्य संस्कृति नहीं है। उन्होंने पंजाब में सभी उच्च-सुरक्षा जेलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तैनाती की भी मांग की।
जेल में बंद कैदी की मौत से कैदी भड़के
लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल ने जेल के बाहर मीडियाकर्मियों से कहा कि सभी कैदियों को पकड़कर वापस जेल में बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बुधवार रात एक अस्पताल में बीमारी के कारण जेल में बंद कैदी सनी सूद की मौत ने हिंसा को भड़काने का काम किया। उन्होंने कहा कि जेलों में निर्माण कार्य चल रहा है, उसके कुछ 3,100 साथियों ने बैरक में वापस जाने से इनकार कर दिया और पत्थर उठा लिए। इसके बाद जेल में झड़प हो गई।
जेल में आगजनी
अधिकारियों ने कहा कि दंगाई कैदियों ने जेल की संपत्तियों को तोड़ने के अलावा रिकॉर्ड रूम और जेल अधीक्षक की कार को भी आग के हवाले कर दिया। शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया है कि कैदियों ने जेल के मुख्यद्वार को तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस को मजबूरन हवा में गोलियां चलानी पड़ी।