ग्रामीण भण्डारण क्षमता में होगी 6700 मी.टन की वृद्धि सभी समितियों में गोदाम निर्माण का है लक्ष्य – सहकारिता मंत्री
जयपुर, 11 जनवरी। सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने शुक्रवार को बताया कि राज्य में किसानों की उपज के भण्डारण की समस्या को दूर करने एवं उन्हें समय पर कृषि आदानों की उपलब्धता सुनि6िचत करने के लिए सहकारी संस्थाओं की भण्डारण क्षमता में इजाफा करने के उद्देश्य से 67 ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं लेम्पस में 100-100 मीट्रिक टन क्षमता गोदामों का निर्माण किया जायेगा। इसके लिये स्वीकृति आदेश जारी कर दिये हैं।
श्री आंजना ने बताया कि प्रत्येक ग्राम सेवा सहकारी समिति में 100 मी.टन क्षमता का गोदाम एवं कार्यालय निर्माण के लिये 12 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। इस प्रकार प्रदेश के 26 जिलों में 67 गोदामों के निर्माण के लिये 804 लाख रुपये की स्वीकृति जारी की गई है। उन्होंने बताया कि प्रतापगढ़ में 10, बांसवाड़ा में 7, डूंगरपुर में 6, चित्तौड़गढ, चुरू, भीलवाड़ा एवं अलवर मे 3-3 गोदामों का निर्माण किया जायेगा। इसी प्रकार पाली, टोंक, जालोर, दौसा, जयपुर, बीकानेर, जोधपुर, बारां, सिरोही, बूंदी, कोटा, सीकर, सवाई माधोपुर में 2-2 एवं अजमेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, करौली, नागौर व उदयपुर में 1-1 सहकारी समितियों में गोदाम व कार्यालय भवन निर्माण के संबंध में स्वीकृति जारी की गई है।
श्री आंजना ने बताया कि हमारी प्राथमिकता प्रत्येक ग्राम सेवा सहकारी समिति में स्थानीय आवश्यकता तथा भूमि की उपलब्धता के आधार पर पर्याप्त क्षमता के गोदामों का निर्माण करना है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत निर्मित होने वाले गोदामों के लिए उस क्षेत्र की संबंधित केन्द्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक को नोडल अधिकारी बनाया गया है। सहकारिता मंत्री ने बताया कि भवन एवं गोदाम निर्माण के बाद शेष राशि रहने पर उससे चहारदीवारी का निर्माण भी करवाया जायेगा।
सहकारिता मंत्री ने संबंधित नोडल अधिकारियों एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियों को निर्देश दिये कि गोदाम निर्माण कार्य की स्वीकृति जारी होने के चार माह में पूर्ण कर लिया जाये और स्वीकृत राशि जिस प्रायोजनार्थ स्वीकृत की गई है उसका व्यय भी उसी प्रायोजनार्थ किया जाये।रजिस्ट्रार, सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि राज्य कृषि विकास योजनान्तर्गत निर्मित होने वाले गोदाम एवं कार्यालय भवन निर्माण संबंधी कार्य हेतु निर्माण सामग्री क्रय करने सहित अन्य समस्त कार्यों के संपादन हेतु कमेटियों का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि समिति स्तर पर गठित की जाने वाली कमेटी में ग्राम सेवा सहकारी समिति/लेम्पस के स्तर का अध्यक्ष, व्यवस्थापक एवं संबंधित ऋण पर्यवेक्षक, केन्द्रीय सहकारी बैंक होंगे। इस कमेटी में निर्माण सामग्री क्रय करने से संबंधित बैठक में संबंधित ऋण पर्यवेक्षक, केन्द्रीय सहकारी बैंक का उपस्थित होना अनिवार्य होगा।
डॉ. पवन ने बताया कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों/लेम्पस में हो रहे निर्माण कार्यों के पर्यवेक्षण के लिए भी कमेटी का गठन किया है जिसमें संबंधित प्रबंध संचालक केन्द्रीय सहकारी बैंक, इकाई कार्यालय के उप रजिस्ट्रार होगे। उन्होंने बताया कि पर्यवेक्षण कमेटी माह में एक बार समिति के निर्माण कार्यों का परीक्षण करेगी एवं कार्य में कोई कमी है तो समिति को आवश्यक निर्देश प्रदान करेगी व विभाग को भी सूचित करेगी। उन्होंने बताया कि गठित कमेटियों के लिए समिति स्तर पर विजिट रजिस्टर संधारित किया जायेगा जिसमें ऋण पर्यवेक्षक द्वारा समिति के किये गये पर्यवेक्षण के संबंध मे टिप्पणी अंकित कर सके।